जगद्गुरूत्तम दिवस
कहा जाता है कि श्री महाराज जी ने उपाधि स्वीकार करके हम पर छप्पर फाड़ कर कृपा की है। श्री महाराज जी को सम्मानित किया गया इससे हम पर किस प्रकार से कृपा हुयी? प्रति वर्ष, हम यह दिन उत्सव के रूप में क्यों मनाते हैं? इसको मनाने से हमारा क्या लाभ होगा?